रविवार, 25 नवंबर 2007

तुम्हारी यादें

संजोकर रखी हैं
इस दिल की गहराइंयो में,

तुम्हारे साथ बिताये
लम्हों की
'यादें'

जो देती हैं मेरा साथ
हर पल,

बंधाती हैं मुझे
ढाढस
मैं जब भी उदास होता हूँ,

बढाती हैं मेरा
हौसला
मैं जब भी निराश होता हूँ,

सचमुच!
तुमसे कहीं अधिक

मेरी अपनी हैं-

'तुम्हारी यादें'

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