जब कभी
मैं याद आऊं
और तुम भावुक हो उठो,
तब तुम
अपनी आँखें मूँद कर
मन-ही-मन
एक बार
मेरा नाम लेना
और
याद करना कि
मुझे तुम्हारी हंसी
कितनी प्यारी है,
मुझे विश्वास है कि
और तब तुम्हारे होठों पे
वो हंसी
फिर से छा जाएगी
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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
सोमवार ९ जनवरी 2002, बिलासपुर, भारत