आपने सुना होगा
या शायद
देखा भी होगा
बरगद की छाँव के नीचे
कुछ नहीं पनपता,
यहाँ तक की
घास भी
करीने से नहीं होती
उसके नीचे|
पर मैंने देखा है
बरगद का एक ऐसा
विशाल पेड़
जिसके नीचे
अनगिनत पौधे
ने केवल पनपे
बल्कि
बड़े-बड़े वृक्ष हुए
खड़े हैं लहलहाते|
जाने कितनी बार तो
किसी चिड़िया की
चोंच से गिरे
या हवा के झोंके में
उड़कर आये
बीज भी
उस बरगद की छाया में
अंकुरित हुए
खुब फले और फूले भी|
वक्त मिले
तो कभी
उस बरगद की
छाँव में जाकर बैठना,
बड़ा शुकुन मिलेगा,
और मिलेगी
एक ऐसी प्रेरणा
जो आपको भी
बड़ा जीवट
और
कर्मठ बना देगी|
क्या आप नहीं मानते?
अरे भाई!
मैं खुद भी
उसी बरगद की छाया में
पनपा
एक छोटा सा पौधा हूँ
इसलिए
बता रहा हूँ ये कहानी
उस विशाल बरगद की|
-----------------------------------------------------
मनीष पाण्डेय "मनु"
अलमेर (नीदरलैंड्स), सोमवार ७ जनवरी २०१९
या शायद
देखा भी होगा
बरगद की छाँव के नीचे
कुछ नहीं पनपता,
यहाँ तक की
घास भी
करीने से नहीं होती
उसके नीचे|
पर मैंने देखा है
बरगद का एक ऐसा
विशाल पेड़
जिसके नीचे
अनगिनत पौधे
ने केवल पनपे
बल्कि
बड़े-बड़े वृक्ष हुए
खड़े हैं लहलहाते|
जाने कितनी बार तो
किसी चिड़िया की
चोंच से गिरे
या हवा के झोंके में
उड़कर आये
बीज भी
उस बरगद की छाया में
अंकुरित हुए
खुब फले और फूले भी|
वक्त मिले
तो कभी
उस बरगद की
छाँव में जाकर बैठना,
बड़ा शुकुन मिलेगा,
और मिलेगी
एक ऐसी प्रेरणा
जो आपको भी
बड़ा जीवट
और
कर्मठ बना देगी|
क्या आप नहीं मानते?
अरे भाई!
मैं खुद भी
उसी बरगद की छाया में
पनपा
एक छोटा सा पौधा हूँ
इसलिए
बता रहा हूँ ये कहानी
उस विशाल बरगद की|
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मनीष पाण्डेय "मनु"
अलमेर (नीदरलैंड्स), सोमवार ७ जनवरी २०१९
1 टिप्पणी:
बहुत बढ़िया काविता। मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
iwillrocknow.com
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