तेरे बिना, तनहा लगे, दिन रात क्या, जिंदगानी
तू जो नहीं, है साथ में, किस काम की ये जवानी
देखूँ जहां, चेहरा तेरा, आता मुझे बस नज़र
तेरे तसव्वुर में खोया हुआ हूँ, नहीं और कुछ भी ख़बर
तेरी ही यादों में, तेरे ख़यालों में, साँसों की मेरी रवानी
बाहों में भर लूँ, तुझे प्यार कर लूँ, ख्वाहिश यही दिलरुबा
जन्मों जनम रहे तू मेरी, करता हूँ रब से, यही बस दुआ
तेरा नाम जो, शामिल नहीं, मेरी अधूरी कहानी
तू जो नहीं, है साथ में, किस काम की ये जवानी
देखूँ जहां, चेहरा तेरा, आता मुझे बस नज़र
तेरे तसव्वुर में खोया हुआ हूँ, नहीं और कुछ भी ख़बर
तेरी ही यादों में, तेरे ख़यालों में, साँसों की मेरी रवानी
बाहों में भर लूँ, तुझे प्यार कर लूँ, ख्वाहिश यही दिलरुबा
जन्मों जनम रहे तू मेरी, करता हूँ रब से, यही बस दुआ
तेरा नाम जो, शामिल नहीं, मेरी अधूरी कहानी
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मनीष पाण्डेय “मनु”
लक्सम्बर्ग, सोमवार 05-अप्रेल-2021
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