गुरुवार, 14 फ़रवरी 2002

चाहत

 यदि तुम 
आज फिर कह दो 
कि तुम्हें मुझसे प्यार नहीं 
तब भी कुछ नहीं होगा 
 
ना ये धरती कापेंगी 
ना आसमान रोएगा 
ना नहीं बिजली गिरेगी 
और ना कोई तूफान आएगा 
 
मैं समझूँगा
मेरे नसीब में छाए 
इंतजार के काले बादल 
अभी नहीं छटे हैं 

और मेरे दिल में बसी 
तुम्हें पाने कि चाहत 
थोड़ी और बढ़ जाएगी 

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
गुरुवार 14 फरवरी 2002, बिलासपुर, भारत

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