यह क्या?
तुमने तो
मेरे शर्ट की बाँह में
काजल लगा दिया
अभी-अभी तो लिया था
और तुमने
खराब कर दिया
काजल लगा कर
पता भी है?
काजल के निशान
जाते नहीं है
सफ़ेद कपड़े से तो
बिलकुल भी
नहीं जाते
अब इसे पहनकर
दफ्तर, बाजार
या कहीं और नहीं जा सकता
तुम भी ना!
——————————-
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
लक्सेम्बर्ग, रविवार ३० मई २०२१
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें