देश द्रोही
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आज जब
चुनी हुई
सरकार के कारिंदे
अपने ही देश के
नागरिकों को
ठहराते हैं
देश द्रोही
और भर देते हैं
जेल में
सिर्फ इसलिए कि
उन्होंने पूछे
कुछ सवाल
और
उठाये कुछ मुद्दे
जो दिखाते हैं
आईना
तो फिर
फिर सोचती होगी
ब्रितानी फ़ौज के
अफसरों की आत्मायें
कि हमने
किया क्या गलत
किसी पराये देश के
गुलामों को
जेलों में भरकर
और गोलियों से भून
जो कर रहे थे
खुला विद्रोह
राज सत्ता के विरूद्ध
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मनीष पाण्डेय, "मनु"
लक्सेम्बर्ग गुरुवार १८ जून २०२०
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आज जब
चुनी हुई
सरकार के कारिंदे
अपने ही देश के
नागरिकों को
ठहराते हैं
देश द्रोही
और भर देते हैं
जेल में
सिर्फ इसलिए कि
उन्होंने पूछे
कुछ सवाल
और
उठाये कुछ मुद्दे
जो दिखाते हैं
आईना
तो फिर
फिर सोचती होगी
ब्रितानी फ़ौज के
अफसरों की आत्मायें
कि हमने
किया क्या गलत
किसी पराये देश के
गुलामों को
जेलों में भरकर
और गोलियों से भून
जो कर रहे थे
खुला विद्रोह
राज सत्ता के विरूद्ध
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मनीष पाण्डेय, "मनु"
लक्सेम्बर्ग गुरुवार १८ जून २०२०
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