मंगलवार, 25 दिसंबर 2007

यू-ट्यूब विडियो कैसे डाऊनलोड करें

संदेश: संबंधित विषय पर लेख की टिपण्णी (श्री 'राजीव तनेजा' द्वारा) में बढिया जानकारी दी गयी है, कृपया उसपर भी एक दृष्टि डालें।
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आज यू-ट्यूब पर अपनी पसंद की एक विडियो देखते हुए ध्यान आया की ऐसे कितने लोग होंगे जो यू-ट्यूब से अपने पसंद की विडियो को डाऊनलोड करना चाहते होंगे लेकिन पता नही होगा की कैसे करें। तो सोचा कि चलो आप सब से आज इसी बारे में बात की जाय।

अंतर-जाल याने कि इंटरनेट पर ऐसी कई वेब-साईट हैं जो यू-ट्यूब जैसे विडियो होस्ट (विडियो संग्राहक) वेब साइटों से फ़ाइल को डाऊनलोड करने देते हैं। यू-ट्यूब जैसे विडियो होस्ट अपने वेब साईट में विडियो को फ्लैश विडियो फ़ाइल (FLV ) के रूप में रखते हैं। और हम अपने मन चाहे विडियो को इन वेब साईटों से डाऊनलोड कर सकते हैं और जब चाहें तब देख सकते हैं। चाहे तो उसे अपने IPod या किसी छोटे विडियो प्लेयर में भी रख सकते है ताकि जहाँ चाहें अपने मन पसंद विडियो को देख-दिखा सकें।

मैं यू-ट्यूब से विडियो डाऊनलोड करने के लिए जिस साईट का प्रयोग करता हूँ उसका पता है:

http://www.techcrunch.com/get-youtube-movie/

कैसे डाऊनलोड करें?

१) यू-ट्यूब पर जाकर अपनी मन पसंद विडियो को खोजें और चलाने के लिए खोलें।
२) अब अपने वेब-ब्राउजर के एड्रेस बार में जाकर विडियो का पता कॉपी कर लें।
३) अब एक अन्य ब्राउजर में ऊपर दिए हुए वेब-साईट को खोलें।
४) अब यू-ट्यूब से कॉपी किये हुए पते को इस वेब साईट के "Enter YouTube URL" डब्बे में पेस्ट कर दें।
५) अब "Get Video" लिखे बटन को दबाएँ।
६) यदि आपका ब्राउजर सुरक्षा संबधी कोई सकें करे तो "Yes" या "OK" या "Download file" विकल्प का चयन करें.
७) जब फ़ाइल को सुरक्षित करने का डब्बा आये तो मन चाही जगह पर, अपन पसंद के नाम के अंत में ".flv" लगाकर फ़ाइल को सेव कर लें.

फ़ाइल को डाऊनलोड होकर अपने कंप्यूटर पर सुरक्षित होने दें। और लीजीये हो गया आपका मन-पसंद विडियो आपकी जेब के अन्दर.

फ्लैश विडियो फ़ाइल (FLV) को कैसे चलायें इस विषय पर जानकारी अगली रचना में प्रकाशित करूँगा. आशा है आपके लिए यह जानकारी उपयोगी सिद्ध होगी।

शनिवार, 8 दिसंबर 2007

पता नहीं क्यों?

पता नहीं क्यों?
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पता नहीं क्यों,
पर किसी और के
होठों पे हंसी
अपने गम से
ज्यादा चुभती है?

पता नहीं क्यों, 
पर ख़ुशामद से 
मिलती है बख़्शीश
और सच का 
भुगतना पड़ता है 
ख़ामियाज़ा?

पता नहीं क्यों, 
पर शीशे के घरों में
रहकर भी
हरेक के हाथ में
पत्थर है?
   
पता नहीं क्यों,
पर ज़ुबान
वो नहीं कहती
जो दिल कहता है?

पता नहीं क्यों,
पर जब दिल
कुछ कहता है
तो लोग उसकी
ज़ुबान बंद कर देते हैं?

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मनीष पाण्डेय "मनु"
शार्लेट, नार्थ कैरोलिना, शनिवार ८ दिसंबर २००७