मंगलवार, 24 अगस्त 2010

मुन्ना की लोरी-१

सूरज डूबा, चंदा आया, रात आयी कारी सी
मुन्ना मेरा सोयेगा, निंदिया लायी प्यारी सी।

पंछी देखो उड़-उड़कर, अपने घर को चले गए
साँझ हुआ तो तीतर-बन्दर, भालू मामा चले गए।

लाला मेरा धीरे-धीरे, अब बिस्तर में जायेगा
अंखिया अपनी मूंदे-मूंदे, सपनों में खो जायेगा।

रात सुहानी बीत रही है, भोर कहीं न हो जाये
मम्मी मीठी लोरी गाये, मुन्ना राजा सो जाये।

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मनीष पाण्डेय "मनु"
कीपोर्ट, न्यू जर्सी, मँगलवार २४ अगस्त २०१०