मंगलवार, 18 अक्तूबर 2022

पहला प्यार

ठण्डे पानी की सतह से उठते कुहासे की तरह

नदी की धार में उठते उफ़ानों की तरह

पत्तों की ओट से लुढ़कते ओस की तरह

पहली बारिस में धरती की महकती सोंधी खुशबू की तरह

पलाश के जंगलों में चटकती कलियों की तरह

रात रानी के पौधे नीचे झड़े फूलों की तरह

मोगरे के गुच्छों से उड़ती खुशबू की तरह

झरनों के कलकल से बजते संगीत की तरह

होती है दिल में दस्तक पहले प्यार की

------------------------------------------------- मनीष पाण्डेय ‘मनु’ अलमेर, नेदरलॅंड्स, रविवार १८-अक्टूबर-2022

रविवार, 16 अक्तूबर 2022

हौसला

एक मसला हल हुआ तो दूसरा है सामने, देख फिर भी हौसले का हाथ रखना थाम के

लाख दीवारें उठें पत्थर-पहाड़ों से बनी, चीर सीना पत्थरों का राह कर लेती नदी मुश्किलें कितनी खड़ी हों आज तेरे राह में देख फिर भी हौसले का हाथ रखना थाम के

हो भले कितनी भयावह कालिमा अंधियार की पर उसे है मात देती एक छोटी लौ कहीं इन अंधेरे में कहीं जब खो गए हों रास्ते देख फिर भी हौसले का हाथ रखना थाम के


मुश्किलें आती रहें आँधी-तूफ़ानों की तरह, तू मगर डिगना नहीं ऊँचे पहाड़ों की तरह उलझनों की बोझ में जब पाँव थम जाने लगे देख फिर भी हौसले का हाथ रखना थाम के

हारने और जीतने का होड़ है ये ज़िंदगी हार के भी फिर खड़ा हो है उसी की ज़िंदगी हारने का दर्द जब उत्साह को खाने लगे देख फिर भी हौसले का हाथ रखना थाम के

कौन है जिसने यहाँ सन्ताप को झेला नहीं डूब कर उसमें मगर तुम भूल सब जाना नहीं टूटकर जब दर्द से ये दिल बिखर जाने लगे देख फिर भी हौसले का हाथ रखना थाम के

राह रोकी पत्थरों ने, धार उसकी बाँट दी निर्झरों की चाल में संगीत पर उसने भरी जब कभी राहों के रोड़े, राह भटकाने लगे देख फिर भी हौसले का हाथ रखना थाम के

बुधवार, 5 अक्तूबर 2022

दशहरा

दशहरा


खबर आयी है 
कई शहरों में 
रावण का पुतला
राम के आने से पहले ही
जल गया

लगता है शायद 
रावण का पुतला भी
जल्दी से रश्में पूरी कर
मेला घूमने को मचल गया 


राम लीला खेलना 
और दुर्गा पूजा के बाद
मेला सजाना 

उसे भी है मालूम
बस एक परम्परा है 
ये जलना-जलाना

असत्य पर सत्य और
बुराई पर अच्छाई के 
जीत का 
ढोल बजता है

शोर सराबे के बीच
सच और अच्छाई क्या है 
इसे सोचने का 
वक्त कहाँ बचता है 

बहुत आसान है 
उसकी बुराईयाँ गिन
पुतले बनाकर
उसे हर साल जलाना 

रावण बुरा था ये ठीक
लेकिन एक बार 
ख़ुद को भी
आईने में देख आना 

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
अलमेर, नेदरलॅंड्स, बुधवार 05-अक्टूबर -2022