मैं कामचोर हूँ बहुत
फटाफट नहीं जीता जिन्दगी
मुझे कोई हड़बड़ी नहीं है
इसे निपटाने की
आज के लिए इतना बहुत है
कल के लिए भी तो
बचाओ कुछ
हाँ!
मैं एक जुआरी हूँ
मुझे जिंदगी के चौपड़ पर
खुशियों के दाँव खेलना पसन्द है
रोज चलता हूँ अपनी चाल
और जीतने की आस रखता हूँ
भले अक्सर हार जाता हूँ
पर कभी कभार की जीत
मुझे ये लत छोड़ने नहीं देती
हाँ!
मैं एक नशाखोर हूँ
मुझे चस्का लगा है जीने का
सुबह शाम नहीं देखता
चख लेता हूँ जरा सा
जो थोड़ी बहुत खुशी हो
मेरे हिस्से की प्याली में
और डूबा रहता हूँ इसके खुमार में
हाँ!
मुझमें ये सभी ऐब हैं
और मैं सुधरने वाला भी नहीं
चाहे कितनी मुसीबत आए
और कैसे भी हालात हों
पर मैं भी
बड़ा जिद्दी और ठीठ हूँ
मुझे कोई रोक नहीं सकता
जी भर के जीने से
बहुत खूबसूरत
ये जिन्दगी
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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
नीदरलैंड्स, बुधवार 8 मार्च 2023