शनिवार, 28 जुलाई 2018

तेरी चाहत है इस दिल में

तेरी चाहत है इस दिल में,
तेरी आदत सी हो गयी है।
बताऊँ हाल क्या दिल का,
हाँ मुहौब्बत सी हो गयी है।

तू ही तू है मेरे हमदम,
मेरे ख़्वाबों ख़यालों में।
तुझे मैं ढूँढता हरसूँ,
अंधेरों में उजालों में।
दिवानों सा भटकता हूँ,
ऐसी हालत सी हो गयी है,
बताऊँ हाल क्या दिल का,
हाँ मुहौब्बत सी हो गयी है। १ ।

कहाँ तू छुप गयी जाके,
चाँद बादल में हो जैसे।
तेरे बिन मैं तड़पता हूँ,
जान जाएगी अब तो ऐसे।
आहें भरता हूँ जुदाई में,
ऐसी उल्फ़त सी हो गयी है।
बताऊँ हाल क्या दिल का,
हाँ मुहौब्बत सी हो गयी है। २ ।

मेरी साँसों में धड़कन में,
तेरा ही नाम लिक्खा है।
बस तुम्हें प्यार करते हैं,
यही पैग़ाम लिक्ख़ा है।
हर घड़ी याद करता हूँ,
तू इबादत सी हो गयी है।
बताऊँ हाल क्या दिल का,
हाँ मुहौब्बत सी हो गयी है। ३ ।

कोई समझे या ना समझे,
तेरी मेरी मुहौब्बत को।
कहाँ हम आसरा करते,
ज़माने की मुराऊब्बत को।
सभी रस्मों रिवाजों से,
एक बग़ावत सी हो गयी है।
बताऊँ हाल क्या दिल का,
हाँ मुहौब्बत सी हो गयी है। ४ ।


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मनीष पाण्डेय "मनु"
बोबयाना लैंड (बेल्जियम), शनिवार २८ जुलाई २०१८