रविवार, 19 दिसंबर 2021
ख्वाब सुनहले
शुक्रवार, 26 नवंबर 2021
सुख-दुख
रविवार, 21 नवंबर 2021
अजनबी रास्ते
जिन गलियों में
खेल-कूद कर
बचपन बिताया
जिन खाली जगहों पर
गिल्ली डंडा और क्रिकेट
खेलकर
छुट्टियों के दिन काटे
जिन रास्तों पर
चल कर
स्कूल आया गया
जिन चौराहों से
निकलकर
सायकल चलाना सीखा
पहचान नहीं पाया
वो गली
और आगे निकल गया
कभी जहाँ से
दिन में दस बार
आया जाया करता था
पता नहीं कैसे
वे सब आज मुझे
अजनबी से लगने लगे हैं
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मनीष पाण्डेय 'मनु'
लक्सम्बर्ग, रविवार २१ नवम्बर २०२१
मंगलवार, 14 सितंबर 2021
तर्पण दिवस
हिन्दी के तर्पण दिवस की
हार्दिक बधाई
इसलिए तर्पण के दिन भी
बधाई देना पड़ता है
तर्पण दिवस कहने से?
सम्भवतः क्रोधित भी?
आपको भी अधिकार है
अन्ततः अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
केवल हमारी बपौती तो नहीं है
तर्पण ही मानता हूँ
क्या उपयोग रह गया है
हिन्दी का
हमारे दैनिक जीवन में?
और ना सम्मान
बहती गंगा में हाथ धोना है
और एक दिन के लिए
हिन्दी के प्रति संवेदना दिखाकर
प्रायश्चित कर लिया जाता है
हिन्दी के कार्यक्रमों की सूचना
अंग्रेज़ी में मिलती है
अंग्रेज़ी नाम के बनाए जाते हैं
हिन्दी की दुर्दशा का रोना
अंग्रेजी में रोते हैं
हिन्दी
और घर चलाने के लिए
ना सही
चोट खाने पर
मेरे अंतस दुःख को
बताने की भाषा हिन्दी है
उल्लास को
जताने की भाषा हिन्दी है
नींद में जब सपने देखता हूँ
तो उसकी भी भाषा हिन्दी है
हिन्दी भाषा के लिए
कोई एक दिन निर्धारित नहीं है
रविवार, 15 अगस्त 2021
जश्ने आजादी
शुक्रवार, 13 अगस्त 2021
बस कार अमर कर लो
शनिवार, 17 जुलाई 2021
माँ दुर्गा की वंदना
अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है
ऊँच नीच का भेद नहीं, सब पर करुणा दरसाती है
मैया तेरी बिंदिया, चूड़ी, लाल चुनरियाँ सोहे है
कोटि चंद्र से बढ़कर मैया, मुखड़ा तेरा मोहे है
जय अम्बे की गूँज से ये, सारी सृष्टि भर जाती है
अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है
विंध्य वासिनी मैया है तू, अटल भवन में वास करे
अपने भक्तों के कष्टों का, मैया पल में नाश करे
सब दुःख दूर करे मैया तू, सबके मन को भाती है
अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है
अष्ट भुजा धारी है माँ तू, सिंह सवारी करती है
दुष्टों का संहार करे,भक्तों के दुःख को हरती है
आए हम तेरे द्वारे, तू जग-जननी कहलाती है
अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है
ऊँच नीच का भेद नहीं, सब पर करुणा दरसाती है
अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है
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मनीष पाण्डेय “मनु”
शनिवार 17 जुलाई 2021 जाँजगीर
रविवार, 13 जून 2021
कन्वर्टिबल
बुधवार, 9 जून 2021
सदा खुश रहना
रविवार, 30 मई 2021
काजल के निशान - 1
काजल के निशान - 2
सोमवार, 24 मई 2021
दो अँजुरी पानी
शुक्रवार, 21 मई 2021
आवाज़
रविवार, 9 मई 2021
बापू
मातृ-दिवस
सोमवार, 5 अप्रैल 2021
तेरे बिना
तू जो नहीं, है साथ में, किस काम की ये जवानी
देखूँ जहां, चेहरा तेरा, आता मुझे बस नज़र
तेरे तसव्वुर में खोया हुआ हूँ, नहीं और कुछ भी ख़बर
तेरी ही यादों में, तेरे ख़यालों में, साँसों की मेरी रवानी
बाहों में भर लूँ, तुझे प्यार कर लूँ, ख्वाहिश यही दिलरुबा
जन्मों जनम रहे तू मेरी, करता हूँ रब से, यही बस दुआ
तेरा नाम जो, शामिल नहीं, मेरी अधूरी कहानी
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मनीष पाण्डेय “मनु”
लक्सम्बर्ग, सोमवार 05-अप्रेल-2021
बुधवार, 31 मार्च 2021
संस्कारों की दुहाई
बहार
शनिवार, 13 मार्च 2021
सड़क
सोमवार, 8 मार्च 2021
बदलाव
सूरज
तुम तो
हज़ारों करोड़ों सालों से
रोज आते हो ना?
तुमने तो सब देखा है
अपनी आँखों से,
फिर क्यों भला
कभी कुछ नहीं कहते
कुछ नहीं करते?
क्यों अंदर-अंदर ही
जलते रहते हो?
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मनीष पाण्डेय “मनु”
रविवार, 7 मार्च 2021
बादल
मनीष पाण्डेय “मनु”