बुधवार, 26 सितंबर 2012

"माँ" कहाँ से लायेंगे?

"माँ" कहाँ से लायेंगे?

वो माँ!
जिसने जनम दिया-
मुझे
और आपको,

वो माँ!
जो देवों से भी-
बढ़कर है,

वो माँ!
जिसे हम
स्वर्ग से भी
महान कहते हैं,

वो माँ!
जिसका
प्रेम और त्याग-
अतुलनीय है,
                         वो माँ
भी तो हमारी
माँ होने से पहले,
किसी की बेटी थी ना?




तो फिर
यदि कल को
बेटियां न होंगी,
तो आप और हम
की "माँ"  कौन होगी?

रविवार, 23 सितंबर 2012

बेटी

प्रश्न उठाता हूँ मैं सीधा, आज भरी सभा में सबसे।
जो हम उसको कहते दुर्गा, फिर क्यों बलि उसी की देते?

माँ होती है सबको प्यारी, बहना सबकी बड़ी दुलारी।
पत्नी बनकर वो लेती है, पुरे घर की जिम्मेदारी।।

बेटी की है इतनी इच्छा, पूजा नहीं बस प्यार चाहिए।
जन्म ले सके इस धरती पर, बस इतना अधिकार चाहिए।।

कल को जब बेटी न होगी, बहु कहाँ से फिर आएगी?
बेटे सब रह जायें कुवारे, दुनिया सारी रुक जाएगी।।

अब भी समय बचा है आओ, एक नयी मिशाल बनायें।
बेटी के पैदा होने पर, दिवाली सा दिये जलायें।।

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मनीष पाण्डेय “मनु”
लक्सम्बर्ग, रविवार 23-सितम्बर -2013

शनिवार, 7 जुलाई 2012

जंगल में मंगल

चिंटू देखो आया जंगल, आज वहां पर होगा मंगल

Chintuदो भालू कर रहे तयारी, उनके बीच मचेगा दंगल ।1।


बन्दर लेकर डमरू आया, डमडम उसको खूब बजाया
उछल-कूदकर, उलट-पलट कर, उसने सबको नाच दिखाया ।2।


हिरण-तीतर, मोर-मोरनी, सब आये हैं झुण्ड बनाते
शेर कूदकर आगे आया, गुर्राहट की धमक दिखाते ।3।


चिंटू बैठा एक पत्थर पर, बजे नगाड़ा ढ़ोलक-ताशा
हांथी ने चिंगड़ लगाकर, किया मुनादी शुरू तमाशा ।4।

शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

दूर जाके तुमसे यारा

दूर जाके तुमसे यारा


दूर जाके तुमसे यारा, दिल ये तड़पा-दिल पुकारा
तू ही जानम तू ही हमदम, तू  जहाँ में सबसे प्यारा ।1।


मेरी साँसे-मेरी धड़कन, नाम लेती हैं तुम्हारा
बिन तेरे मैं कुछ नहीं हूँ, तू है जीने का सहारा ।2।
दूर जाके...


तेरी चाहत मेरी दौलत, तू नहीं तो ब्यर्थ सारा
दिल की कश्ती डगमगाए, तू लगा दे अब किनारा ।3।
दूर जाके...


दो दिनों का ये नहीं है, संग जन्मों का हमारा
माफ़ करदे मेरी गलती, जो हूँ जैसा हूँ तुम्हारा ।4।


दूर जाके तुमसे यारा, दिल ये तड़पा-दिल पुकारा
सही न जाये ये जुदाई, अब तो आजा मेरे यारा  ।5।

शुक्रवार 06 जुलाई 2012, पुणे