शनिवार, 20 अप्रैल 2024

कैरोके भजन - राम कहूँ मैं

राम कहूँ मैं, साँझ सवेरे
भजता रहूँ बस राम को मेरे
सिया-राम ही कहूँगा
सिया-राम ही कहूँगा

राम कहूँ मैं, साँझ सवेरे
भजता रहूँ बस राम को मेरे
सिया-राम ही कहूँगा
सिया-राम ही कहूँगा

राम कहूँ मैं, साँझ सवेरे


राम तो हैं, दीन दयाल
करते है वे सबको निहाल
राम तो हैं, दीन दयाल
करते है वे सबको निहाल
रघुवीरsss 
सुबह शाम अब तो
बार-बार सिया-राम ही कहूँगा
सिया-राम ही कहूँगा

राम कहूँ मैं, साँझ सवेरे
भजता रहूँ बस राम को मेरे
सिया-राम ही कहूँगा

नाम जपूँ, ध्यान करूँ
दरस करूँ पूजा करूँ
नाम जपूँ, ध्यान करूँ
दरस करूँ पूजा करूँ
रघुवीरsss 
मेरे राम अब तो
बार-बार सिया-राम ही कहूँगा
सिया-राम ही कहूँगा


राम कहूँ मैं, साँझ सवेरे
भजता रहूँ बस राम को मेरे
सिया-राम ही कहूँगा


कैरोके लिंक: https://youtu.be/KEdkig04kCM?si=wAF9JXo1OUtdkPYd 
गाने का लिंक: https://youtu.be/qnqwYQSqOIM?si=jkhYbNsempsSeCo-
उमेश जी द्वारा गाया गया: https://youtu.be/loMrLUHO_tk?si=zxDCCTdpsKNep3E6

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
बुधवार 17 अप्रैल 2024, नीदरलैंड

शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024

कैरोके भजन - ओ मेरे राम जी

ओ मेरे राम जी 
ओ मेरे राम जी 
बन जाये मेरा जीवन, कृपा कीजिए 

ओ मेरे राम जी 
बन जाये मेरा जीवन, कृपा कीजिए 

अपनी ही करनी देख के हम
कैसे कहें शरमा रहे 
ऐसे किये हैं काम की अब 
पाँप से तो घबरा रहे 
मेरा क्या होगा, ओ मेरे रघुवर 
हाय, इस काल से तो बचा लीजिये 

ओ मेरे राम जी 
बन जाये मेरा जीवन, कृपा कीजिए 

राम की पूजा, राम का नाम  
मेरा सहारा और नहीं 
इन पावन चरणों के सिवा
मेरा गुजारा और नहीं
रटता ही रहूँ सांसों में मेरे
अब मन में ही मेरे बसा कीजिये 

ओ मेरे राम जी 
बन जाये मेरा जीवन, कृपा कीजिए 

यूँ ही भटकता हूँ दर-दर
माया से बच पाता ही नहीं
तुम ही दिखा दो राह मुझे
कुछ भी समझ आता ही नहीं
आया हूँ शरण, हे नाथ मेरे
अब इन चरणों में जगह दीजिए


ओ मेरे राम जी 
बन जाये मेरा जीवन, कृपा कीजिए 
ओ मेरे राम जी 

कैरोके लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=5OoerM0QUVs

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शुक्रवार 12 अप्रैल 2024, नीदरलैंड

बुधवार, 10 अप्रैल 2024

अम्बे मेरी मैया

अम्बे मेरी नैया, पार लगा दे माँ बिगड़ी मेरी मैया, आज बना दे ना

ना जानू मैं पूजा तेरी, ना जानूँ मैं भक्ति गुण तेरे मैं गाऊँ कैसे, कुछ ना मेरी शक्ति पर मैया मैं बालक तेरा, रो रो तुझे पुकारूँ कब आएगी मैया मेरी, तेरी राह निहारूँ प्यारी मेरी मैया, दरस दिखा दे ना अम्बे मेरी नैया, पार लगा दे माँ धन दौलत के पीछे मैंने, इतने बरस बिताये कैसे-कैसे करम किए हैं, कितने पाँप कमाये राग-द्वेष में डूबा ऐसा, अहम भाव अपनाया अब जागा हूँ मैया तो, मैं तेरे द्वारे आया जग जननी तू मेरे, दोष भुला दे ना अम्बे मेरी नैया, पार लगा दे माँ

सिवा तुम्हारे इस जग में, मैया कौन हमारा सब के दुखड़े दूर करे माँ, ऐसा नाम तुम्हारा इतनी विनती है माता अब, तेरी भक्ति पाऊँ अम्बे तेरी कृपा हुई तो, भव सागर तर जाऊँ अपना मुझको मैया, दास बना ले ना अम्बे मेरी नैया, पार लगा दे माँ

बिगड़ी मेरी मैया, आज बना दे ना अम्बे मेरी नैया, पार लगा दे माँ

——————————————— मनीष पाण्डेय ‘मनु’ बुधवार 10 अप्रैल 2024, नीदरलैंड

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

इंद्रधनुष

इंद्र धनुष देखकर
खयाल आया कि
असमान में दिखने वाली
इस मनोहर छटा को
इंद्र धनुष ही क्यों कहते?

दुनिया भर की 
अन्य कई भाषायों में
इसे वर्षा-धनुष भी कहते हैं
और इंद्र ही
वर्षा कराते हैं

लेकिन
इंद्र के पास तो वज्र होता है
जिसे वो मारते हैं
ऐरावत पर चढ़कर
कभी दैत्यों के ऊपर 
तो कभी भले लोगों पर 

क्या इसलिए कि 
सच में यह
इंद्र का ही धनुष है
जो गिर जाता है बार-बार
उनके काँधे से फिसल कर
ऐरावत की 
मस्तानी चाल के कारण?

या इसलिए कि
इंद्र एक वैज्ञानिक हुए
और उन्होंने ही
वर्षा-जलवायु आदि
पर शोध करके
इसे परिभाषित किया?

या शायद 
अरुण-वरुण ने 
अपना प्रयोग
इंद्र को समर्पित कर दिया
क्योंकि वे राजा हैं?

———————————————
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शुक्रवार 05 अप्रैल 2024, नीदरलैंड

मंगलवार, 2 अप्रैल 2024

नमो नमो

अब बँटते हैं भगवान, बोल बम नमो-नमो

भक्तों में खींचातान, बोल बम नमो-नमो


कल तक जिनको गरियाते थे उनको साथ मिला लो

जोड़-तोड़ या हेरफेर से बस सरकार बना लो

अब कुर्सी ही ईमान, बोल बम नमो-नमो


मंदिर-मस्जिद जिनकी खातिर वोटों के टकसाल हैं

जनता उनके पाँव पखारे करते नहीं सवाल हैं

अब नेता ही भगवान, बोल बम नमो नमो


जनता दो रोटी को ताके नेता माल उड़ाये

ऐसा सौदा जिसमें मालिक कौड़ी में बिक जाये

देश फिर कैसे बने महान, बोल बम नमो नमो


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मनीष पाण्डेय ‘मनु’

मंगलवार 2 अप्रैल 2024, नीदरलैंड




सोमवार, 1 अप्रैल 2024

काले अंग्रेज

गोरे अंग्रेजों को तो
भूखे-नंगों, अगड़े-पिछड़ों ने
मिलकर निपटाए,
काले अंग्रेजों से शोषित
भारत माँ को भला बताओ
कौन बचाये?

जालियाँवाला बाग के 
बंदूँकों का घोड़ा
दबा विदेशी हाथों से था,
राजपुताना के वीरो को
छलने वाला दाँव 
उन्हीं मक्कारों में था,
लेकिन ये हैं कौन-
जो अपने ही लोगों के 
सर-सीने पर बूट चलाये?
भारत माँ को…

मर जाने तैयार मगर
अपनी झाँसी देने
वो तैयार नहीं थी,
भीखा, अरुणा, कमलादेवी
सावित्री, बेगम हजरत, दुर्गा थी
लाचार नहीं थी,
पदक जीतने वाली बेटी
सिसक रही है घर में
किससे लड़ने जाये  
भारत माँ को…

भरे सदन में नेहरू को
गरियाने वालों के भी
पीठ थपाये जाते,
एक वोट से कुर्सी टूटी
फिर भी डिगे बिना
गीत नये वो गाये जाते,
अब कैसे हैं नायक
जो कुर्सी की खातिर
जनता में द्वेष कराये
भारत माँ को…

तीन लाख का सूट 
डेढ़ का चश्मा कोई डाल 
फक़ीरी झाड़ रहा है,
भेड़ चाल चलती जानता को
जुमलों से भरमाते 
झण्डे गाड़ रहा है,
चौकीदारी उसके हिस्से
एक-एक को चुनकर जो 
निपटाता जाये
भारत माँ को…

———————————————
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
सोमवार 01 अप्रैल 2024, नीदरलैंड

शुक्रवार, 29 मार्च 2024

लुटेरा

बस उनका मसीहा हुआ जा रहा है

लुटेरा जिन्हें बाँट कर खा रहा है 


फकीरी में उसके बड़े शान-ओ-शौकत

चुकाई मगर किसने है इनकी कीमत

ये लाली सजाने को होठों पर अपने

जिगर किसके खंजर वो चलवा रहा है


जो अपने ठहाकों से फ़ुरसत मिले तो

जरा गौर उनपर भी तुम करके देखो

नहीं कोई जिनकी वजह सुनने वाला

गला जिनका रोते रूँधा जा रहा है


मुबारक तुम्हें ख्वाब पूरे हुए जो

मगर अपने पीछे मुड़ो और देखो

तुम्हारे तमाशे को रौशन बनाने

वो किसके घरौंदों को सुलगा रहा है


जूती के ठोकर पर रक्खी है दुनिया

लगता हो शायद तुम्हें आज ऐसा 

लेकिन समझ लो समय के बही में

हिसाब हर कदम का रखा जा रहा है 


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मनीष पाण्डेय ‘मनु’

शुक्रवार 29 मार्च 2024, नीदरलैंड

शुक्रवार, 15 मार्च 2024

कैरोके भजन - शिव शिव करता जाये

शम्भूss शिव शंकर

शम्भू शिवाssss  


शिव शिव करता जाये

शिव शिव करता जाये, शिव ही मेरे मन को भाये 

हाय मेरे मन को तो, शिव का ही नाम सुहाए 


शिव का नाम आये तो, मन हुआ मेरा जैसे मगन 

अब शिव की ही लागि लगन, शिव-शिव कहूँ


न-न-न-न-न-न-न-नाथ तुम्हारे द्वार आज मैं आया हूँ 

हो, नाथ तुम्हारे द्वार आज मैं आया हूँ

ओ, भक्ति का ही भेंट चढाने लाया हूँ 

अब तुमको ही करता नमन, शिव-शिव कहूँ


शिव शिव करता जाये, शिव ही मेरे मन को भाये 

हाय मेरे मन को तो, शिव का ही नाम सुहाए 

शिव का नाम आये तो, मन हुआ मेरा जैसे मगन 

अब शिव की ही लागि लगन, शिव-शिव कहूँ


ड-ड-ड-ड-ड-ड-ड-डमरू जब बाजे मेरे शिव-शंकर का

हो, डमरू जब बाजे मेरे शिव शंकर का

हर कोना-कोना झूमे, धरती-अम्बर का 

शिव शिव हो धरती गगन, शिव-शिव कहूँ


शिव शिव करता जाये, शिव ही मेरे मन को भाये 

हाय मेरे मन को तो, शिव का ही नाम सुहाए 

शिव का नाम आये तो, मन हुआ मेरा जैसे मगन 

अब शिव की ही लागि लगन, शिव-शिव कहूँ


शम्भूss शिव शंकर

शम्भू शिवाssss


शम्भूss शिव शंकर

शम्भू शिवाssss



कैरोके लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=93ttrtkswEU

--------------------------------------------------------------------------------- मनीष पाण्डेय ‘मनु’ शुक्रवार 15 मार्च 2024, नीदरलैंड

कैरोके भजन - श्री राम के ही नाम की

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ 

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ 

बस महिमा उनके नाम की गाते ही जाएँ 

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ 

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ 


रखते प्रभु अपने भक्तों की लाज

रहते सदा उनके मन में विराज 

जिनकी कृपा से बने सबके काज 

उनकी शरण में ही आये हैं आज

रघुवर कृपा हम पाएं 

बस महिमा उनके नाम की गाते ही जाएँ 

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ 

बस महिमा उनके नाम की गाते ही जाएँ 

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ 


हम पर कृपा उनकी इतनी रहे

चरणों में थोड़ी सी जगह मिले

तन-मन से उनकी ही पूजा करें

जन्मोंजनम उनकी भक्ति मिले 

हर स्वांस में वो समायें 

बस महिमा उनके नाम की गाते ही जाएँ 

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ 

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ 

बस महिमा उनके नाम की गाते ही जाएँ 

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ 

श्री राम के ही नाम की अब गाथा हम गाएँ



कैरोके लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=oWSeGqoqgUg

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शुक्रवार 15 मार्च 2024, नीदरलैंड 

शुक्रवार, 8 मार्च 2024

कैरोके भजन - शिव जी मेरे भोले हैं

शिव जी मेरे भोले हैं
शिव जी मेरे भोले हैं, पल में मान जाते हैं 
शिव जी मेरे भोले हैं, पल में मान जाते हैं 

दिल से जो 
दिल से जो 
दिल से जो पुकारो तो, प्रेम ही लुटाते हैं  
दिल से जो पुकारो तो, प्रेम ही लुटाते हैं  
शिव जी मेरे भोले हैं, पल में मान जाते हैं
दिल से जो पुकारो तो, प्रेम ही लुटाते हैं  

उनका नाम लेने से, मन को चैन को आएगा
उनका नाम लेने से, मन को चैन को आएगा
भोले मेरे भण्डारी, कष्ट सब मिटाते हैं
शिव जी मेरे भोले हैं, पल में मान जाते हैं 
दिल से जो पुकारो तो, प्रेम ही लुटाते हैं  

ध्यान करे जो मन में, दिल से मेरे भोले का 
ध्यान करे जो मन में, दिल से मेरे भोले का
पाँप कई जन्मों के, पल में ही मिटाते हैं 
शिव जी मेरे भोले हैं, पल में मान जाते हैं 
दिल से जो पुकारो तो, प्रेम ही लुटाते हैं  

हर हर का नाद करो, उनको जल चढ़ाओ तुम
हर हर का नाद करो, उनको जल चढ़ाओ तुम
सच्चे मन की भक्ति से, वो तो रीझ जाते हैं 
शिव जी मेरे भोले हैं, पल में मान जाते हैं 
दिल से जो पुकारो तो, प्रेम ही लुटाते हैं  

यूँ तो हमने जीवन ये, ब्यर्थ ही बिताया है
यूँ तो हमने जीवन ये, ब्यर्थ ही बिताया है
आज शिव के चरणों में, शीश हम झुकाते हैं 
शिव जी मेरे भोले हैं, पल में मान जाते हैं 
दिल से जो पुकारो तो, प्रेम ही लुटाते हैं  

शिव जी मेरे भोले हैं, पल में मान जाते हैं 
दिल से जो पुकारो तो, प्रेम ही लुटाते हैं  

शिव जी मेरे भोले हैं, पल में मान जाते हैं 
दिल से जो पुकारो तो, प्रेम ही लुटाते हैं  

कैरोके लिंक: https://youtu.be/-CsEhNBOJrc?si=-2da19LzzQ5F9szP

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
महाशिवरात्रि शुक्रवार 08 मार्च 2024, नीदरलैंड 

सोमवार, 4 मार्च 2024

कैरोके भजन - शिव ना बोलूं तो चैन

शिव ना बोलूं तो चैन, मुझे आता नहीं है

शिव नाम बिना कुछ और, मुझे भाता नहीं है 


शिव ना बोलूं तो चैन, मुझे आता नहीं है

शिव नाम बिना कुछ और, मुझे भाता नहीं है 


बिना शिव नाम, सुख ही नहीं है

बिना शिव नाम, सुख ही नहीं है 


अपने भक्तों को वो तरसाता नहीं है 

भोले बाबा जैसा कोई दाता नहीं है 

बिना शिव नाम, सुख ही नहीं है 

बिना शिव नाम, सुख ही नहीं है 


शिव ना बोलूं तो चैन मुझे आता नहीं है

शिव नाम बिना कुछ और मुझे भाता नहीं है 


भोले बाबा तेरा ही मैं नाम जपूँ

तेरी चरणों में बस लीन रहूँ 

तेरी भक्ति के लिए तरसे ये मन

कब मुझे होगा प्रभु तेरा दर्शन 

हर पल शिव का ही नाम जपूँ 

हर हर हर महादेव कहूँ 

महादेव कहूँ

महादेव कहूँ


मेरे शिव शङ्कर जैसा, भव-त्राता नहीं है

मेरे शिव शङ्कर जैसा, भव-त्राता नहीं है


शिव ना बोलूं तो चैन, मुझे आता नहीं है

बिना शिव नाम, सुख ही नहीं है

बिना शिव नाम, सुख ही नहीं है


शिव ना बोलूं तो चैन मुझे आता नहीं है

शिव नाम बिना कुछ और मुझे भाता नहीं है 


पूजा तेरी तेरा ही विधान रहे 

तेरे चरणों में बस ध्यान रहे 

मन नहीं लागे मेरा शिव के बिना 

तन मन शिव के ही नाम किया 

मुझे बस शिव की ही आस रहे 

मेरा शिव बस मेरे पास रहे 

मेरे पास रहे

मेरे पास रहे

शम्भू के बड़ा कोई, अब नाता नहीं है  

शम्भू के बड़ा कोई, अब नाता नहीं है 

शिव नाम बिना कुछ और, मुझे भाता नहीं है 

बिना शिव नाम, सुख ही नहीं है

बिना शिव नाम, सुख ही नहीं है



कैरोके लिंक: https://youtu.be/A8xX-E8HF5Q?si=S974BXAFcnql4V1H
गाने का लिंक: https://youtu.be/coZoSYJU1OY?si=L3NP41M6f33FaU6b
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मनीष पाण्डेय ‘मनु’ रविवार ०३ मार्च २०२४, नीदरलैंड

रविवार, 3 मार्च 2024

अक्ल

कभी उस पर 
पड़ जाते हैं ताले
तो कभी
पड़ जाते हैं पत्थर 

कभी तो 
रहती है किसी के घुटने में
तो कोई 
टाँग आता है खूँटी पर 


कभी तो 
निकल आती है उसकी दुम
तो कभी 
हो जाता है अन्धा

कभी तो कोई 
बन जाता है उसका दुश्मन 
तो कभी 
बन जाता है उसका पुतला

या कभी पढ़ जाता है 
उस पर पर्दा 
तो कभी 
होने लगता है यूँ ही खर्चा 

कभी तो 
बीड़ी के ठूंठ के 
बराबर भी नहीं होती 
तो कभी
भैंस से करे मुकाबला

कभी कोई 
पीछे पढ़ जाता है लट्ठ लेकर 
तो फिर 
आ जाता है ठिकाने 

कभी तो 
हो जाता है उसको अजीर्ण 
तो कभी 
वो लगता है चकराने 

कभी वह
खुद चल दे घास चरने
तो कभी 
वह दौड़ाने लगता है घोड़े 

कभी वह 
रह जाता है दंग
तो कभी 
कोई होता है उसका पूरा 

खैर छोड़ो 
अब और कितनी लगाएँ
ये अक्ल भी 
बड़ी अजीब चीज है 

———————————
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
रविवार ०३ मार्च २०२४, नीदरलैंड

अस्तित्व

अचानक सामने आये 
चमकते-दमकते जुगनू की तरह
जिसे पकड़ लो तो
बिखेर देता है थोड़ी रौशनी

या अचानक सामने आयी
तितली की तरह
जिसे पकड़ लो तो 
दे जाती उँगलियों को थोड़ा रंग

या अचानक हवा में बहकर कर आये 
किसी फूल के पंखुड़ी की तरह
जिसे पकड़ लो तो
भर जाती है हथेली पर थोड़ी खुशबू


कभी-कभी अचानक ही 
मन में फूटते हैं विचार
जिसे पकड़ लो तो
बन जाती है एक प्यारी सी कविता 

नहीं तो 
उड़कर ओझल हो जाती है 
खो जाती है अनंत में 
मानों जैसे उसका 
कभी कोई अस्तित्व ही नहीं था

———————————
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
रविवार ०३ मार्च २०२४, नीदरलैंड

कली - 2

ओ भौंरे!
रुक जा वहीं
मेरे पास नहीं आना

तुम्हारे छूने से 
मेरा बदन खिल उठता है

और फिर 
मेरे यौवन की खुशबू
खींच लाती है उन्हें
जो मुझे नोच लेते हैं 

और खोंच देते हैं 
किसी के जूड़े में 
या चढ़ा देते हैं
किसी मूरत पर

भर देते हैं
किसी गमले में
या थमा देते हैं
किसी के हाथों में

डाल देते हैं 
किसी की देह पर 
या फैंक देते हैं
किन्हीं राहों में

कोई नहीं पूछता
मुझे क्या चाहिए

कोई नहीं समझता
मेरे मन को

और मैं अभागी
अपने ही रूप-रंग
गंध-रस की मारी

खिलने-दमकने-महकने
की जगह
सड़ने-गलने और सूखने
लगती हूँ

———————————
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
रविवार ०३ मार्च २०२४, नीदरलैंड

कली - 1

ओ भौंरे!
रूक जा वहीं

झूमने दे अभी
टहनी के काँधों पर
झूलने दे जरा
पत्तियों की गोद में

देखता नहीं
अभी तो आयी हैं
सूरज की किरणें
और बस 
आती ही होगी 
पूर्वा भी
सन-सन के गीत गाते 

थोड़ा तो 
खेलने दे हमें 
ओस की गुड़िया के साथ 

कह देती हूँ
नहीं आना तुम
मेरे पास इतनी जल्दी

क्योंकि
तुम्हारे छूने से
खो जाता है मेरा बचपन

———————————
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
रविवार ०३ मार्च २०२४, नीदरलैंड

शनिवार, 2 मार्च 2024

कैरोके भजन - वृंदावन का नंदलाला

हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल
हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल

वृंदावन का नंदलाला, 
मेरा रखवाला हैं
मेरा श्याम ही तो सारी, 
दुनिया चलाये

हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल

वृंदावन का नंदलाला, 
मेरा रखवाला हैं
मेरा श्याम ही तो सारी, 
दुनिया चलाये

साँवरे का नाम मेरे, 
मन को लुभाए
श्याम श्याम ही जपते, 
साँस आये जाए

वृंदावन का नंदलाला, 
मेरा रखवाला हैं
मेरा श्याम ही तो सारी, 
दुनिया चलाये

हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल
हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल

खोये से थे माया में हम
कितने बरस बिताये
सारे जग का दुःख देखा तो 
जी मेरा घबराये

अब तो ये ही 
काम है अपना
मोहन तेरा 
नाम ही जपना
हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल

तेरा नाम ही तो मेरा, 
जीवन बनाए 
मेरा श्याम ही तो सारी, 
दुनिया चलाये

वृंदावन का नंदलाला, 
मेरा रखवाला हैं
मेरा श्याम ही तो सारी, 
दुनिया चलाये

हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल
हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल

मेरी नैया डोल रही अब 
तू ही पार लगाए 
तेरी भक्ति के ही बल से 
भव सागर तर जाए 

जपते-जपते 
नाम को तेरे
कट जाएँ सब 
बंधन मेरे 

हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल

मेरे मन के हर कोने में, 
तू ही समाए 
मेरा श्याम ही तो सारी, 
दुनिया चलाये

साँवरे का नाम मेरे, 
मन को लुभाए
श्याम श्याम ही जपते, 
साँस आये जाए

वृंदावन का नंदलाला, 
मेरा रखवाला हैं
मेरा श्याम ही तो सारी, 
दुनिया चलाये

हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल
हरि हरि बोल, 
हरि हरि बोल


कैरोके लिंक: https://www.youtube.com/watch?v=AD2n3CiLgNI

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शनिवार २ मार्च २०२४, नीदरलैंड 

बुधवार, 21 फ़रवरी 2024

वजह

मैं तुम्हारा हो जाऊँ
उसके लिए
किसी वजह की
मुझे जरूरत नहीं 

तुम मेरी हो जाओ
उसके लिए 
कोई भी वजह तो
मेरे पास नहीं

बिना वजह
तुम्हें अपना 
बनाऊँ तो कैसे? 

प्रेम के लिए
वजह कोई
बताऊँ तो कैसे?

तुम्हारे बिना
दिल को अपने
बहलाऊँ तो कैसे?

बताना जरा
आखिर तुम्हें
मनाऊँ तो कैसे?

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
बुधवार 21 फरवरी 2024, नीदरलैंड

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024

लम्हा

आता लम्हा
अपने साथ 
लाता है एक ख्वाब
और जाता लम्हा
दे जाता है 
एक कहानी

और इन्ही लम्हों के 
आने-जाने के बीच 
लम्हा-लम्हा
सरकती जाती है
जिंदगानी

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शुक्रवार १६-फरवरी-२०२४, नीदरलैंड

किसे पता था

स्कुल की पढ़ाई में
गुणा-गणित के साथ
कोई जीवन का पाठ भी पढ़ाये
बताये कि
जिंदगी सिर्फ प्यार के सहारे
नहीं चलती

रोज-रोज कैंटीन में 
घंटों नहीं बैठ सकेंगे
खुद खाना बनाना होगा
फिर बर्तन-रसोई की सफाई

हर कपड़े 
जँचते हैं उस पर 
लेकिन उन्हें 
धोना-सुखाना ही नहीं
प्रेस-ड्राइक्लिन
और सहेजना भी काम होगा

एक आशियाँ होगा
जिसे दोनों 
प्यार से सजायेंगे
लेकिन साथ ही 
भरेंगे उसकी ईएमआई
और झाड़ू-पोंछा 
रख रखाव के झंझट भी होंगे 

बीमार पड़े तो
गेट-वेल-सुन का कार्ड
और दिल की ईमोजी वाला 
सन्देश भेजकर फुर्सत नहीं होंगे
सेवा करनी होगी
वक्त पर देनी होगी दवाई
हाथ-पैर दबाना 
और करना होगा
घाव की सफाई कर नई पट्टी

कोई बताता 
जिन्दगी में सिर्फ 
हँसीं-मजाक ही नहीं
नोक-झोंक भी होगी
और कभी झगड़ा हुआ तब
बात भले ना करो
पर बाकी सब काम तो 
करने ही होंगे

लेकिन 
इन सब के बीच 
दोनों मिलकर
जिंदगी की किताब के 
खाली पन्नों पर
सुख-दुःख, हार-जीत और 
खट्टे-मीठे अनुभवों से भरी
एक कहानी लिखेंगे
किसे पता था

—————————————
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शुक्रवार १६-फरवरी-२०२४, नीदरलैंड

गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

सिलवटें

मुझे सिलवटें 

पसंद हैं

क्योंकि 

करीने से रखे कपड़े

उस इंसान की तरह होते हैं

जो कर तो सकते थे

बहुत कुछ

लेकिन फिर भी

कभी किसी के काम नहीं आये 


लेकिन

सिर्फ सिलवटों से

यह नहीं कह सकते

कि ये इस्तेमाल से आये हैं 

बेतरतीब रखकर भी

सिलवटें पड़ जाती हैं

जैसे कोई आदमी

यूँ ही जीता रहा

कभी किसी के

काम आने लायक

हुआ ही नहीं 


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मनीष पाण्डेय ‘मनु’

गुरुवार १५-फरवरी-२०२४, नीदरलैंड

बुधवार, 14 फ़रवरी 2024

हम

काश मैंने किया होता
थोड़ा सबर
और तुमने जताई होती 
थोड़ी फिकर

काश मैंने किया होता
थोड़ा भरोसा
और तुमने जताई होती 
थोड़ी अहमियत

काश मैंने किया होता
थोड़ा प्रयास
और तुमने जताई होती
थोड़ी उम्मीद

काश मैंने किया होता
थोड़ा अनुरोध 
और तुमने जताई होती
थोड़ी हमदर्दी

तो आज
मैं और तुम
हम हो गए होते 

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
बुधवार १४-फरवरी-२०२४, नीदरलैंड