शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024

लम्हा

आता लम्हा
अपने साथ 
लाता है एक ख्वाब
और जाता लम्हा
दे जाता है 
एक कहानी

और इन्ही लम्हों के 
आने-जाने के बीच 
लम्हा-लम्हा
सरकती जाती है
जिंदगानी

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शुक्रवार १६-फरवरी-२०२४, नीदरलैंड

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