स्कुल की पढ़ाई में
गुणा-गणित के साथ
कोई जीवन का पाठ भी पढ़ाये
बताये कि
जिंदगी सिर्फ प्यार के सहारे
नहीं चलती
रोज-रोज कैंटीन में
घंटों नहीं बैठ सकेंगे
खुद खाना बनाना होगा
फिर बर्तन-रसोई की सफाई
हर कपड़े
जँचते हैं उस पर
लेकिन उन्हें
धोना-सुखाना ही नहीं
प्रेस-ड्राइक्लिन
और सहेजना भी काम होगा
एक आशियाँ होगा
जिसे दोनों
प्यार से सजायेंगे
लेकिन साथ ही
भरेंगे उसकी ईएमआई
और झाड़ू-पोंछा
रख रखाव के झंझट भी होंगे
बीमार पड़े तो
गेट-वेल-सुन का कार्ड
और दिल की ईमोजी वाला
सन्देश भेजकर फुर्सत नहीं होंगे
सेवा करनी होगी
वक्त पर देनी होगी दवाई
हाथ-पैर दबाना
और करना होगा
घाव की सफाई कर नई पट्टी
कोई बताता
जिन्दगी में सिर्फ
हँसीं-मजाक ही नहीं
नोक-झोंक भी होगी
और कभी झगड़ा हुआ तब
बात भले ना करो
पर बाकी सब काम तो
करने ही होंगे
लेकिन
इन सब के बीच
दोनों मिलकर
जिंदगी की किताब के
खाली पन्नों पर
सुख-दुःख, हार-जीत और
खट्टे-मीठे अनुभवों से भरी
एक कहानी लिखेंगे
किसे पता था
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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शुक्रवार १६-फरवरी-२०२४, नीदरलैंड
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