शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

रास्ता

मैं खोया नहीं हू

भटका भी नहीं


उस मोड़ पर

मुड़ने का फैसला 

मेरा था 

इस ओर चले कदम 

मैंने खुद उठाये थे 


चाहता तो रुक जाता

पलट जाता

लौट जाता

पर नहीं

मैंने खुद चुना

इस राह में 

आगे बढ़ना


बात इतनी सी है

कि चलते-चलते

किसी ऐसी जगह 

पहुँच गया हूँ

जिसे जानता नहीं


और इसी

नये पन से

थोड़ा घबरा गया हूँ


इसी घबराहट में

वापस जाने का रास्ता

ध्यान नहीं आ रहा है 


बस थोड़ा दम 

ले लूँ 

फिर खुद ब खुद

निकल आएगा

रास्ता

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मनीष पाण्डेय 'मनु'

नीदरलैंड्स, शुक्रवार ७ अप्रैल २०२३