शनिवार, 17 जुलाई 2021

माँ दुर्गा की वंदना

 अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है 

ऊँच नीच का भेद नहीं, सब पर करुणा दरसाती है


मैया तेरी बिंदिया, चूड़ी, लाल चुनरियाँ सोहे है

कोटि चंद्र से बढ़कर मैया, मुखड़ा तेरा मोहे है 

जय अम्बे की गूँज से ये, सारी सृष्टि भर जाती है

अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है 


विंध्य वासिनी मैया है तू, अटल भवन में वास करे

अपने भक्तों के कष्टों का, मैया पल में नाश करे

सब दुःख दूर करे मैया तू, सबके मन को भाती है

अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है 


अष्ट भुजा धारी है माँ तू, सिंह सवारी करती है

दुष्टों का संहार करे,भक्तों के दुःख को हरती है

आए हम तेरे द्वारे, तू जग-जननी कहलाती है

अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है 


ऊँच नीच का भेद नहीं, सब पर करुणा दरसाती है

अपने भक्तों पर मैया तू, सदा प्रेम बरसाती है


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मनीष पाण्डेय “मनु”

शनिवार 17 जुलाई 2021 जाँजगीर