शुक्रवार, 29 सितंबर 2023

याद

 याद तेरी आज भी मुझको पुकारे

दिल में मेरे आज भी तेरी छवि है 


कारनामे वो लड़कपन के हमारे

दोस्ती क्या चीज है तुमने सिखाया

खून के रिश्ते नहीं हम खुद बनाते

खुशनसीबी है कि तुझसा यार पापा

खेल जो खेले कभी हम साथ मिलकर

उन दिनों की याद तो भूली नहीं है

दिल में मेरे आज भी…


यूँ तो अब भी साथ में संगी खड़े हैं 

पर कमी तेरी सदा खलती हवा में

छोड़कर यूँ साथ जो तुम चल दिये तो

मैं अकेला पड़ गया हूँ इस जहां में

दोस्ती का रंग जो तेरा चढ़ा फिर 

और कोई रंग अब चढ़ता नहीं है 

दिल में मेरे आज भी…


शुक्रवार, 22 सितंबर 2023

गुरु का आशीष

मिल गया आशीष
जब अपने गुरु से
भाग पर अपने बहुत
इठला रहा हूँ 
आप से सीखा वही
दोहरा रहा हूँ

खुल गई थी आँख
पर जागा नहीं था
चल रहे थे पाँव
पर जाना कहाँ था?
आप ने जो राह दिखलाई
उसी को साध कर 
मंजिलों की ओर 
बढ़ता जा रहा हूँ
आपसे सीखा…


शून्य में आकाश के
बिखरा हुआ इक पिण्ड था
तमस में लिपटा मलिन
बिसरा हुआ सा खिन्न था
रोशनी से आपकी
जो धुल गया तो
चाँदनी से अब गगन 
चमका रहा हूँ
आपसे सीखा…

हो रहा था व्यर्थ जीवन
थे निरर्थक काम सब 
दिग्भ्रमित हो था भटकता
कुछ नहीं था भान तब 
मिल गया आशीष
जब अपने गुरु से
भाग पर अपने बहुत
इठला रहा हूँ 
आपसे सीखा…

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शुक्रवार २२ सितंबर २०२३, नीदरलैंड्स 

शुक्रवार, 15 सितंबर 2023

बाकी सब बेकार है

 इस दुनिया में सच्चा केवल

हम दोनों का प्यार है 

बाकी सब बेकार है 

बाकी सब बेकार है 


जुल्फें तेरी नागिन जैसी

होठ गुलाबी पंखुड़ियों से

देख तुझे खिड़की के पीछे 

दिल में चलते फुलझड़ियों से

घायल मेरे दिल को कर दे

यूँ नैनों की मार है

बाकी सब…


चंदा भी फीका लगता है

तेरी बिंदिया की चम-चम से 

इंद्रपुरी में पाँव थिरकते

तेरे पायल की छम-छम से

तेरी अँखियाँ से ही जगमग

ये सारा संसार है

बाकी सब…


कोई मुझको कहे दीवाना

या पागल कहलाऊँ जग में

हम तो तुझपे ही मरते हैं

प्यार तेरा बहता रग-रग में 

बस तू मुझको अपना कह दे

इतना ही दरकार है

बाकी सब…