सोमवार, 5 अप्रैल 2021

तेरे बिना

तेरे बिनातनहा लगेदिन रात क्याजिंदगानी
तू जो नहींहै साथ मेंकिस काम की ये जवानी

देखूँ जहांचेहरा तेराआता मुझे बस नज़र
तेरे तसव्वुर में खोया हुआ हूँनहीं और कुछ भी ख़बर
तेरी ही यादों मेंतेरे ख़यालों मेंसाँसों की मेरी रवानी

बाहों में भर लूँतुझे प्यार कर लूँख्वाहिश यही दिलरुबा
जन्मों जनम रहे तू मेरीकरता हूँ रब सेयही बस दुआ 
तेरा नाम जोशामिल नहींमेरी अधूरी कहानी

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मनीष पाण्डेय “मनु”

लक्सम्बर्ग, सोमवार 05-अप्रेल-2021