इंद्र धनुष देखकर
खयाल आया कि
असमान में दिखने वाली
इस मनोहर छटा को
इंद्र धनुष ही क्यों कहते?
दुनिया भर की
अन्य कई भाषायों में
इसे वर्षा-धनुष भी कहते हैं
और इंद्र ही
वर्षा कराते हैं
लेकिन
इंद्र के पास तो वज्र होता है
जिसे वो मारते हैं
ऐरावत पर चढ़कर
कभी दैत्यों के ऊपर
तो कभी भले लोगों पर
क्या इसलिए कि
सच में यह
इंद्र का ही धनुष है
जो गिर जाता है बार-बार
उनके काँधे से फिसल कर
ऐरावत की
मस्तानी चाल के कारण?
या इसलिए कि
इंद्र एक वैज्ञानिक हुए
और उन्होंने ही
वर्षा-जलवायु आदि
पर शोध करके
इसे परिभाषित किया?
या शायद
अरुण-वरुण ने
अपना प्रयोग
इंद्र को समर्पित कर दिया
क्योंकि वे राजा हैं?
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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
शुक्रवार 05 अप्रैल 2024, नीदरलैंड
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