रविवार, 21 नवंबर 2021

अजनबी रास्ते

जिन गलियों में 

खेल-कूद कर 

बचपन बिताया


जिन खाली जगहों पर

गिल्ली डंडा और क्रिकेट 

खेलकर 

छुट्टियों के दिन काटे


जिन रास्तों पर 

चल कर

स्कूल आया गया


जिन चौराहों से 

निकलकर

सायकल चलाना सीखा


पहचान नहीं पाया 

वो गली 

और आगे निकल गया 

कभी जहाँ से

दिन में दस बार 

आया जाया करता था


पता नहीं कैसे 

वे सब आज मुझे 

अजनबी से लगने लगे हैं


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मनीष पाण्डेय 'मनु'

लक्सम्बर्ग, रविवार २१ नवम्बर २०२१ 

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