बुधवार, 5 अक्तूबर 2022

दशहरा

दशहरा


खबर आयी है 
कई शहरों में 
रावण का पुतला
राम के आने से पहले ही
जल गया

लगता है शायद 
रावण का पुतला भी
जल्दी से रश्में पूरी कर
मेला घूमने को मचल गया 


राम लीला खेलना 
और दुर्गा पूजा के बाद
मेला सजाना 

उसे भी है मालूम
बस एक परम्परा है 
ये जलना-जलाना

असत्य पर सत्य और
बुराई पर अच्छाई के 
जीत का 
ढोल बजता है

शोर सराबे के बीच
सच और अच्छाई क्या है 
इसे सोचने का 
वक्त कहाँ बचता है 

बहुत आसान है 
उसकी बुराईयाँ गिन
पुतले बनाकर
उसे हर साल जलाना 

रावण बुरा था ये ठीक
लेकिन एक बार 
ख़ुद को भी
आईने में देख आना 

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
अलमेर, नेदरलॅंड्स, बुधवार 05-अक्टूबर -2022

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