दशहरा
खबर आयी है
कई शहरों में
रावण का पुतला
राम के आने से पहले ही
जल गया
लगता है शायद
रावण का पुतला भी
जल्दी से रश्में पूरी कर
मेला घूमने को मचल गया
राम लीला खेलना
और दुर्गा पूजा के बाद
मेला सजाना
उसे भी है मालूम
बस एक परम्परा है
ये जलना-जलाना
असत्य पर सत्य और
बुराई पर अच्छाई के
जीत का
ढोल बजता है
शोर सराबे के बीच
सच और अच्छाई क्या है
इसे सोचने का
वक्त कहाँ बचता है
बहुत आसान है
उसकी बुराईयाँ गिन
पुतले बनाकर
उसे हर साल जलाना
रावण बुरा था ये ठीक
लेकिन एक बार
ख़ुद को भी
आईने में देख आना
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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
अलमेर, नेदरलॅंड्स, बुधवार 05-अक्टूबर -2022
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