Abhidha - अभिधा
... a few words from my heart!
गुरुवार, 25 नवंबर 2010
उजाला
बीत रही है
रात-
नया सूरज आएगा,
मन रे!
रख ले धीर-
पीर यह मिट जायेगा ।१।
आशा की लालिमा -
देख!
पूरब में छायी,
पंछी के कलरव भी
अब-
दे रहे सुनाई ।२।
उदयाचल का रूप-
अलौकिक
निखर रहा है,
देख!
उजाला-
धीरे-धीरे
पसर रहा है ।३।
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