गुरुवार, 25 नवंबर 2010

होठों पे वो हंसी

मैं
कभी
याद आऊं

और तुम
भावुक हो उठो,

तो
अपनी आँखें
मूंदकर

मन-ही-मन
एक बार
मेरा नाम लेना

और
याद करना कि
मुझे
तुम्हारी हंसी

कितनी प्यारी है,

और
मुझे विश्वास है कि
तुम्हारे
होठों पे
वो हंसी

फिर से
छा जाएगी

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