गुरुवार, 26 अक्तूबर 2017

नज़र से दूर हो के

नजर से दूर हो  के भी दिल के पास है तू
मेरे सीने में धड़के, वही अहसास है तू


रहूँ चाहे जहाँ मैं, बस तेरी जुस्तजू है
तुझे बाँहों में भर लूँ, हाँ यही आरजू है
हर घड़ी हूँ तरसता, हाँ वही प्यास है तू
नजर से दूर हो के भी दिल के पास है तू|



तुझे पाने की ख्वाहिस ही मेरी बंदगी है
तेरी चाहत के दम पर ही मेरी हर ख़ुशी है
रहे तू बनके मेरी बस यही आस है तू
नजर से दूर हो  के भी दिल के पास है तू|

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