गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

सोचा नहीं था प्यार में तेरे

सोचा नहीं था प्यार में तेरे, ऐसा भी दिन आएगा,
दर्द भरा हो सीने में पर, दिल खाली रह जायेगा।
दरिया होगा सामने फिर भी, दिल प्यासा रह जायेगा,
सोचा नहीं था प्यार में तेरे, ऐसा भी दिन आएगा ।१।

सोच के ये ही हमने अपने, दिल की बात छुपाई है,
नाम तेरा जो आये जुबा पर, इसमें में तो रुसवाई है।
सामने हो के भी वो मेरे, यूँ बेगाना सा हो जायेगा,
सोचा नहीं था प्यार में तेरे, ऐसा भी दिन आयेगा ।२।

महफ़िल में जाते हैं लेकिन, भीड़ में भी तनहा रहते हैं,
अब तो तेरी यादों में, दिन-रात गुजारा करते हैं।
नाम-ए-मुहोब्बत जीना क्या, मरना मुश्किल हो जायेगा,
सोचा नहीं था प्यार में तेरे, ऐसा भी दिन आएगा ।३।

वादे वफ़ा कि करते रहे, पर उनसे जफ़ा भी हो न सका,
वक्त ने ऐसे मोड़ पे छोड़ा, कोई गिला भी हो न सका।
तेरे बिना भी जीना एक दिन, मज़बूरी बन जायेगा,
सोचा नहीं था प्यार में तेरे, ऐसा भी दिन आयेगा ।४।

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मनीष पाण्डेय "मनु"
हेग (नेदरलॅंड्स), गुरुवार २० फरवरी  २०१४

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