शनिवार, 4 जून 2022

बेवकूफ

दुनिया में 
सबसे बड़ी बेवकूफी है
समझदार होना
उनके हिस्से आता है
सोचना-समझना
पहचाना-बोलना
तड़पना और भुगतना

दुनिया में 
सबसे बड़ी कमजोरी है
मजबूत होना
उनके हिस्से आता है
देखना-करना
सम्भालना-सहेजना
संवारना और सुधारना

दुनिया में सबसे बड़ा दुःख है
सहनशील होना
उनके हिस्से आता है
पीना-गटकना
त्यागना-भोगना
सहना और झेलना

वे लोग
ना कुर्सी पर बिठाए जाते हैं
ना पगड़ी बँधाए जाते हैं
ना दुलारे जाते हैं
ना सिर चढ़ाए जाते हैं

धर दिया जाता है
दो जहाँ का बोझ
काँधे उनके
और खड़ा कर दिया जाता
धूप-बरसात में
ऐटलस की तरह
नंगा करके 

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
लक्सम्बर्ग शनिवार 4 जून 2022


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