बुधवार, 1 जुलाई 2020

कुछ - 2


वो जो तुम
कहती हो ना
"कुछ"
ला रहे हो क्या
बच्चों के लिए

मैं जब भी
बाहर जाता हूँ
काम से

क्या तुम
जानती हो
कि मुझे
पता चल जाता है
अनकहे से
प्यार के
इजहार का

मैं जानता हूँ
कि तुम्हें
मेरी याद
आती है
मेरे
दूर जाने से

और
क्या तुम
समझ पाती हो
उस बात का
मतलब?

जब मैं
ये कहता हूँ
कि क्या
तुम्हें भी
"कुछ" चाहिए?

उसका मतलब
ये होता है कि
मुझे भी
तुमसे
उतना ही प्यार है|


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मनीष पाण्डेय, "मनु"
लक्सेम्बर्ग, बुधवार ०१ जुलाई २०२०

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