गुरुवार, 2 नवंबर 2023

याद तेरी

 याद तेरी आज भी मुझको पुकारे
दिल में मेरे आज भी तेरी छवि है 

कारनामे वो लड़कपन के हमारे
दोस्ती क्या चीज है तुमने सिखाया
खून के रिश्ते नहीं हम खुद बनाते
खुशनसीबी है कि तुझसा यार पापा
खेल जो खेले कभी हम साथ मिलकर
उन दिनों की याद तो भूली नहीं है
दिल में मेरे आज भी…

यूँ तो अब भी साथ में संगी खड़े हैं 
पर कमी तेरी सदा खलती हवा में
छोड़कर यूँ साथ जो तुम चल दिये तो
मैं अकेला पड़ गया हूँ इस जहां में
दोस्ती का रंग जो तेरा चढ़ा फिर 
और कोई रंग अब चढ़ता नहीं है 
दिल में मेरे आज भी…

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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
मंगलवार 2 नवम्बर 2023, नीदरलैंड

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