इस दुनिया में सच्चा केवल
हम दोनों का प्यार है
बाकी सब बेकार है
बाकी सब बेकार है
जुल्फें तेरी नागिन जैसी
होठ गुलाबी पंखुड़ियों से
देख तुझे खिड़की के पीछे
दिल में चलते फुलझड़ियों से
घायल मेरे दिल को कर दे
यूँ नैनों की मार है
बाकी सब…
चंदा भी फीका लगता है
तेरी बिंदिया की चम-चम से
इंद्रपुरी में पाँव थिरकते
तेरे पायल की छम-छम से
तेरी अँखियाँ से ही जगमग
ये सारा संसार है
बाकी सब…
कोई मुझको कहे दीवाना
या पागल कहलाऊँ जग में
हम तो तुझपे ही मरते हैं
प्यार तेरा बहता रग-रग में
बस तू मुझको अपना कह दे
इतना ही दरकार है
बाकी सब…
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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
रविवार 28 अक्टूबर 2023, नीदरलैंड
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