मंगलवार, 9 मई 2023

जानकारी

 जान लेने की

सबको 

ललक होती है


लेकिन एकबार 

जान लिया

तो फिर चाह कर भी

अनजान

नहीं हो सकते


अनजान

बनने की कोशिश 

की जा सकती है

पर 

अपने मन-मस्तिष्क को

सब मालूम होता है


जब तक

पता नहीं होता 

अपने में मस्त रहो


जितना जानो 

उतनी उलझन 


एक सवाल 

के उत्तर में 

दस नये द्वन्द 

खड़े हो जाते हैं 


कोई ऐसी दवा 

ऐसा पैंतरा

ऐसा उपाय नहीं है 

जो मन चाही 

बात से 

अनजान बना दे


जानकारी

ही जान का

अरि है!


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मनीष पाण्डेय ‘मनु’

नीदरलैंड्स, मंगलवार 9 मई 2023

 

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