सोमवार, 25 दिसंबर 2023
नेहरू की गलती
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
धारा ३७०
शुक्रवार, 10 नवंबर 2023
साँसो के आने में
गुरुवार, 2 नवंबर 2023
याद तेरी
शनिवार, 28 अक्टूबर 2023
प्यार है
सोमवार, 9 अक्टूबर 2023
पितर
हे! पितर
आज हमने
बड़े बनाये थे
आपको अर्पण करने
जमाना बदल रहा है
लोग अब
तला खाने से
बचते हैं ना
इसलिए
एयर फ्रायर में बने थे
कौवों को दिया था
जो आते हैं
मुँडेर पर
उन्होंने तो पसंद आया
वे झूम गये थे
खाने के लिए
आशा है
आपको भी
अच्छे लगे होंगे
———————————
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
सोमवार ९ अक्टूबर २०२३, नीदरलैंड
रविवार, 1 अक्टूबर 2023
तेरी यादें
क्या हम यूँ ही बिछड़ने मिले थे
प्रेम के फूल बिखरने खिले थे
समझा जिसे बिन कहे दो दिलों ने
सच या भरम प्यार के सिलसिले थे?
जाने क्या हुआ उन सपनों उन वादों का
प्यार की तपिश में उफनते इरादों का
कोई दुआ ना हुई कबूल जो हमने माँगी
क्या हुआ जाने दिल के उन फरियादों का
तुझे याद करने का हासिल यही है
ये दुनिया लगे मेरे काबिल नहीं है
करना मुझे क्या जमाने से ऐसे
जो होने में तू मेरे शामिल नहीं है
कसमसाता समाज
क्या आप जानते हैं
बहुत जल्द
ऐसा भी दिन आयेगा
जब बच्चे अपनी माँ को
माँ नहीं कहेंगे
और पिता को
पिता नहीं कहेंगे
उन्हें कहना होगा
अभिभावक
या फिर शायद
कोई नया शब्द बनाया जाएगा
जिसमें माता-पिता का
बोध नहीं होगा
क्योंकि जब
स्त्री-पुरुष के मेल को ही
विवाह, परिवार या अभिभावक
नहीं माना जायेगा
तब तो
पति-पत्नी ही नहीं होंगे
फिर माता-पिता का
प्रश्न कहाँ से आएगा
और तो और
बेटा-बेटी नहीं होंगे
भाई-बहन नहीं होंगे
सभी रिश्तों के नाम
बदल दिये जाएँगे
क्योंकि
बदलते समय के साथ
समाज करवट ले रहा है
और इस कसमसाते समाज को
लैंगिक विविधता
स्वीकार नहीं है
———————————
मनीष पाण्डेय ‘मनु’
रविवार 1 अक्टूबर २०२३, नीदरलैंड
शुक्रवार, 29 सितंबर 2023
याद
याद तेरी आज भी मुझको पुकारे
दिल में मेरे आज भी तेरी छवि है
कारनामे वो लड़कपन के हमारे
दोस्ती क्या चीज है तुमने सिखाया
खून के रिश्ते नहीं हम खुद बनाते
खुशनसीबी है कि तुझसा यार पापा
खेल जो खेले कभी हम साथ मिलकर
उन दिनों की याद तो भूली नहीं है
दिल में मेरे आज भी…
यूँ तो अब भी साथ में संगी खड़े हैं
पर कमी तेरी सदा खलती हवा में
छोड़कर यूँ साथ जो तुम चल दिये तो
मैं अकेला पड़ गया हूँ इस जहां में
दोस्ती का रंग जो तेरा चढ़ा फिर
और कोई रंग अब चढ़ता नहीं है
दिल में मेरे आज भी…
शुक्रवार, 22 सितंबर 2023
गुरु का आशीष
शुक्रवार, 15 सितंबर 2023
बाकी सब बेकार है
इस दुनिया में सच्चा केवल
हम दोनों का प्यार है
बाकी सब बेकार है
बाकी सब बेकार है
जुल्फें तेरी नागिन जैसी
होठ गुलाबी पंखुड़ियों से
देख तुझे खिड़की के पीछे
दिल में चलते फुलझड़ियों से
घायल मेरे दिल को कर दे
यूँ नैनों की मार है
बाकी सब…
चंदा भी फीका लगता है
तेरी बिंदिया की चम-चम से
इंद्रपुरी में पाँव थिरकते
तेरे पायल की छम-छम से
तेरी अँखियाँ से ही जगमग
ये सारा संसार है
बाकी सब…
कोई मुझको कहे दीवाना
या पागल कहलाऊँ जग में
हम तो तुझपे ही मरते हैं
प्यार तेरा बहता रग-रग में
बस तू मुझको अपना कह दे
इतना ही दरकार है
बाकी सब…
शुक्रवार, 4 अगस्त 2023
दुनिया
दिखावे के दम पर ही जलती ये दुनिया
शराफत करे उसको कमजोर समझे
किसी धाँसिये से ही डरती ये दुनिया
नसीहत के किस्से सुने तो बहुत पर
नहीं सीखती ना बदलती ये दुनिया
नहीं भीड़ का कोई मालिक यहाँ पर
फकत भेड़ जैसे ही चलती ये दुनिया
नहीं एक शय जिसमें शामिल नहीं वो
उसे खोजने क्यों भटकती ये दुनिया
किसी और के सच को अपना बना कर
बिना बात मुश्किल में पड़ती ये दुनिया
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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
हिन्दी, शुक्रवार ४ अगस्त २०२३
बुधवार, 19 जुलाई 2023
कुर्सी
सोमवार, 10 जुलाई 2023
गजल
गजल
वजन से तौल के मिलता यहाँ हर इक निवाला है
बुधवार, 7 जून 2023
तेरी पायल की ये छनछन -- गीत
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यह कविता सन् 1965 में बनी छत्तीसगढ़ी फिल्म 'कहि देबे संदेस' के एक प्रसिद्द गीत "तोर पैरी के झनर-झनर" से प्रेरित है जिसे स्वर्गीय मोहम्मद रफी ने स्वरबद्ध किया था
गीतकार : डॉ.हनुमंत नायडू ‘राजदीप’
संगीतकार : मलय चक्रवर्ती
स्वर : मोहम्मद रफी
फिल्म : कहि देबे संदेस
निर्माता-निर्देशक : मनु नायक
फिल्म रिलीज : 1965
संस्था : चित्र संसार
साभार: https://cgsongs.wordpress.com/2011/03/12/torpairikejhanarjhanar/
रविवार, 14 मई 2023
परदेसी
आसमान में
तारामण्डल देख
मन ही मन गुनता हूँ
मेरा घर
किस दिशा में होगा?
घड़ी देख के
अंदाजा लगाता हूँ
कितना बजा होगा
वहाँ अभी?
कल्पना करता हूँ
माँ क्या कर रही होगी?
याद करता हूँ
मैं क्या करता था
जेठ-वैशाख की
उजली रातों में?
घर लौटते हुए
सड़क छोड़
गली पकड़ते ही
बचपन की गली
याद आती है
गली की छोर से
घर का दरवाजा देख
माँ को खोजता हूँ
दुआरे पर खड़ी
राह तकते
स्कूल से आने में
जब देर हो जाती थी
ब्याह के
पिया घर आई
बिटिया की तरह
हर छोटी-बड़ी
बात पर
बाबुल के घर को
याद करते हैं
परदेसी भी
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मनीष पाण्डेय ‘मनु’
नीदरलैंड्स, शनिवार 14 मई 2023